Introduction / परिचय: यह सीरीज़ Amazon की बाकी वैब सीरीज़ कि तरह ही एंटरटेनमेंट डिलीवर करने में पूरी तरह से सफल होती है। और हो भी क्यों न क्योंकि इस सीरीज को भी Raj & D.K ने ही बनाया है जिन्होने The Family Man बनाया है। वे इस सीरीज के क्रिएटर्स होने के साथ-साथ, डायरेक्टर्स और राइटर्स भी है। इस सीरीज को अब तक IMDb पर 8.5 स्टार की रेटिंग्स भी मिल चुकी है 24 हज़ार लोंगों द्वारा।
यह सीरीज द फैमिली मैन के यूनिवर्स में हि सैट है और उसके एक किरदार की मदद से इस सीरीज को उससे जोड़ा गया है हालांकि वह केवल एक सीन में है पर फिर भी देखने में मजा आता है।
Plot / कथानक: दो लड़के जो होते तो दोस्त हैं पर भाई जैसे। वे पैसो की कमी के चलते अपनी जिंदगी अपने मन चाहे तरिके से नहीं जी पा रहे होते है उनमें से एक जिसका नाम सनी होता है वह पेंटिंग बनाने का काम करता है और उसका दोस्त जिसका नाम फ़िरोज़ होता है। वह सनी के नाना के प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है जिसमें उसके नाना के ही न्यूज पेपर छपते हैं फ़िरोज़ वहां इसलिए काम करता है क्यूकी उसे मशीनो से लगव होता है। सनी एक बहुत अच्छा कलाकार होता है क्योंकि वह किसी भी मशहूर पेंटर की पेंटिंग कॉपी कर सकता है। चाहे वह किसी भी रूप में ही क्यू न हो पर इतने टैलेंट के बाद भी उसकी कॉपी पेंटिंग कोई नहीं ख़रीदता क्यूकी कोई भी उन कॉपीज़ के उतने पैसे नहीं देना चाहता जितना वह मांगता है क्यूकी वह होती तो कॉपी ही है भले हि कितनी ओरिजिनल दिखे वह ओरिजिनल पेंटिंग भी बनाता है पर उसे भी उतने दाम पर कोई नहीं ख़रीदता तो वह इस स्थिति पर एक बात कहता है “आर्ट किसी को घ*टा समझ नहीं आती पर मशहूर पेंटर का नाम लगा दो तो सबको चाहिए वो भी सस्ते में“।
सनी की एक गर्लफ्रेंड भी होती है और वह उससे अपर क्लास होती है जिसकी वजह से वह अपने दोस्तों से सनी को कभी नहीं मिलवाती है। उसका दोस्त फ़िरोज़ उससे कई बार कह चूका होता है कि वो अमीर है इसलिए अपने फ्रेंड सर्कल से नहीं मिलवती है पर सनी यह मानने को तैयार ही नहीं होता है।
एक शाम सनी प्रिंटिंग प्रेस में आता है और देखता है कि प्रिंटिंग मशीन बंद है और कोई है भी नहीं तो वह अपने नाना के कैबिन में जाता है तो देखता है कि वहां सारे लोग है तब उसे यासिर नाम का एक आदमी जो उस प्रिंटिंग प्रेस में कई सालो से काम कर रहा होता है सनी उनको चाचा कहता है वह उसके नाना का खास होता है। वह सनी को बताता है कि कुछ लोग आये थे अपना कर्जा मांगने, उनका न्यूज पेपर कोई खरीदता नहीं था इसलिए वह घाटे पर चल रहे थे और कर्ज लेके अपने अखबार को चला रहे थे क्योंकि उसके नाना को यकीन था कि उनका न्यूज पेपर एक ना एक दिन क्रांति जरूर लायेगा पर ऐसा नहीं हुआ, और उसका नतिजा यह हुआ कि वह आज कर्ज़ में डूब गए।
सनी अपने नाना की इस स्थिति को देख कर सहन नहीं कर पा रहा होता है इस वजह से वह अपनी सारी पेंटिंग्स और बाइक बेच देता है और साथ में फ़िरोज़ भी अपनी सारी चीज़े बेच देता है पर सब कुछ बेचने के बाद भी वह उस रकम के आधे पैसे भी नहीं जुटा पाए थे।
तो वह कर्ज देने वाले के पास जाते हैं ताकि थोड़ा समय मांग सके और उन्हें समय मिल जाता है।
फ़िरोज़ सनी को एक लड़के के बारे में बताता है जिसके पास हर समस्या का समाधान होता है पर सनी इसके लिए मना कर देता है पर फ़िरोज़ के पास उस लड़के के पास जाने के अलावा कोई और रास्ता था तो फ़िरोज़ उससे मिलता है और वह लड़का फ़िरोज़ को एक और आदमी से मिलवता है जो कपड़े और जूते के कॉपी/फर्जी बनाने का काम करता है।
फ़िरोज़ आके सनी को इसके बारे में बताता है पर सनी उसको कहता है ये सब कॉपी बनाने से अच्छा है डायरेक्ट उसकी कॉपी बनाते हैं जो हमें चाहिए। सनी फर्जी नोट बनाने की बात कर रहा था पर फ़िरोज़ इसके लिए राज़ी नहीं होता है पर सनी फ़िरोज़ को मना लेता है तो सनी नोट के डिजाइन बनाता है और फ़िरोज़ प्रिंट करता है। तो वे किसी तरह से नोट बना लेते हैं और उसे टेस्ट करने भी जाते हैं, पर वे पकड़े जाते हैं तब उन्हें नोट में एक कमी का पता चलता है जो उन्होंने पहले ध्यान नहीं दिया था और वह था नोट को छूने पर उसका एहसास जो गलत पेपर पर कभी नहीं आने वाला था।
तब शुरू होता है नोट जैसे पेपर को खोजने का सिलसिला, बहुत तलाश करने के बाद वे वैसा कागज ढूंढ लेते हैं। और इस बार वह पकड़े नहीं जाते हैं। अब उनको सफलता हाथ लगी चुकी थी और अब वे रुकने वाले नहीं थे। वे इतना परफेक्ट नोट बना रहे थे कि मशीन भी उन्हें डिटेक्ट नहीं कर पा रही थी। एक आदमी जो बहुत पहले से फ़र्ज़ी नोट बनाने का काम रहा था। पर उसका धंदा पूरी तरह से चौपट हो गया था क्योंकि उसके द्वारा बनाए गए फ़र्ज़ी नोट नई मशीने डिटेक्ट कर ले रही थी तो अब उस आदमी को उन दो लड़कों की जरूरत थी तो वह उन दोनो को उठवा लेता है। और फिर वह दोनो उसके लिए काम करते है पर उन दोनो को कंही न कंही यह सब सही नहीं लग रहा था पर उनके पास कोई और विकल्प नहीं थी।
सब कुछ अच्छा चल रहा होता है तब तक जब तक उनको पुलिस ढूंढना शुरू नहीं करती है। पर सनी के पास इसका भी एक इलाज होता है फर्जी नोट को बंद करने के लिए पुलिस विभाग एक अलग यूनिट बनाती है जिमसें एक लड़की भी होती है तो सनी किसी तरह से उस लड़की से बोल चाल बढ़ाता है और उसके फोन में एक एक बग डाल देता है ताकी पुलिस वाले कोई भी प्लानिंग करे तो उन्हें पता चल जाए। पर वे किसी तरह से जान जाते है की उनके बिच एक खबरी है तो वे बहुत गोपनीय तरीके से योजना बनाते है।उन दोनो को पकड़ने के लिए और एक डील फिक्स करते हैं। वह उन्हें पकड़ने के बहुत करीब होते हैं पर वे उनकी नाक के नीचे से निकल जाते हैं।
तब वे दोनों जिसके लिए काम करते हैं वही उन दोनो को मारने का मन बना चुका होते है क्योंकि पुलिस को उन दोनो की खबर हो चुकी थी और अब पुलिस उनके जरीये उस तक पहुच सक्ति थी इस डर की वजह से वह उन दोनो को मारने का आदेश दे देता है पर वे दोनो किसी तरह से बच जाते हैं।
पर वह आदमी इतने में नहीं मानता है वह प्रिंटिंग प्रेस में आग लगवा देता है और उस वक्त सनी के नाना उसमें मौजूद होते हैं तो इससे सनी के नाना की मृत्यु हो जाती है तो सनी इसका बदला लेने के लिए उसके ठिकाने पर जाकर उन सभी नोटो को जला देता और उसका दृश्य उस आदमी को वीडियो कॉल के ज़रिये दिखता है।
हर बुरी चिजो का का अंत बुरा ही होता है और इस सीरीज में भी वही दिखाया गया है।
My Thoughts / मेरे विचार : यह सीरीज़ अच्छी है इसमें कोई शक या दो राय नहीं है और जैसी उम्मेद थी यह सीरीज़ उस पर खरी उतरती है। सीरीज में ज्यादा खून खराबा या न्यूडिटी नहीं दिखाई गयी है जिसेसे यह साबित होता है कि इन सब के बिना भी आप अच्छा कंटेंट बना सकते हैं। पर एक चिज़ जो इसमें बहुत बेढंग तरिके से महसूस होती है वह यह की इसमें गालियां तो बाकी सीरीज की तरह हि दी गई है पर गालियां डायलॉग्स के साथ सही नहीं बैठती है। यह आप को महसूस हो भी सकती है और नहीं भी। इस विभाग में वे इतना क्रिएटिव नहीं हो पाए है।
इसमें सभी अभिनेता ने उम्दा अभिनय किया है पर किसी किसी का किरदार थोड़ा अजीब लगता है जैसे सनी का किरदार हि वह इतना समझदार होने के बावजूद भी कई बार बहुत नासमझी भरे फैसला लेते दिखाया गया है और उसे अपने हि लोंगों पर भरोसा नहीं है जो बहुत अजीब है। और वही फ़िरोज़ वह थोड़ा कमअकल है पर उसे अपने चाचा पर पूरा भरोसा है और वह कुछ बढ़ा करने से पहले बहुत विचार करता है।
विजय सेतुपति जिन्होंने माइकल का किरदार निभाया है उन्हें ज्यादा डायलॉग नहीं दिये गए है क्योंकि उनका हिंदी में हाथ तंग है, इसलये उनके साथ एक साइड किक है जो उनकी बात को अच्छे से समझाता हुआ दिखाई देता है। सिरिज़ में एक दो जगह माइकल को श्रीकांत तिवारी से बात करते हुए दिखाया गया जिसे देखने में मजा आता है। बाकी सभी का किरदार अच्छा लिखा गया है उसमें कोई कमी नहीं है।
इस सीरीज़ का कॉमेडी भी ऑन पॉइंट है सीन सीरियस होने के बावजूद भी उस सीन में कॉमेडी डाल कर सीरियस सीन को भी लाइट रखा गया है। जो कि बहुत सही लगता है। यह सीरीज़ में कई सारे टोन बराबर मिलेंगे पर कॉमेडी एक मेजर एलिमेंट है। यह सीरीज गंभीर मुद्दे पर बात करती है पर अपने अंदाज में जिसे आपको देखने में जरूर मज़ा आएगा और आपको इस सीरीज को एक बार जरूर देखना चाहिए।
Real Name and their Character Name
Shahid Kapoor as Sunny
Vijay Sethupathi as Michael Vedanayagam
Bhuvan Arora as Firoz
Raashi Khanna as Megha Vyas
Kay Kay Menon as Mansoor Dalal
Amol Palekar as Naana Ji
Chittaranjan Giri as Yasir Chacha
Zakir Hussain as Pawan Gahlot
Saqib Ayub as Anees
Saurav Chakrabarti as Jamaal
Jaswant Dalal as Shekhar Ahlawat (Side kick of Michael)
Sonam Gaychen Wangdi as Susan Dangmei (one of lady cop)
Hi, my name is Sandeep Vishwas and I am from India.
I love giving movie suggestions to people. I feel that if something is good, it should reach other people, it should not be confined to itself.